स्वास्थ्य आपकी मुट्ठी में
“साल-दर-साल फिटनेस बढ़ाएँ”
आज की भागती-दौड़ती दुनिया में जब सफलता का पैमाना केवल पद और पैसे से आँका जाने लगा है, तब स्वास्थ्य की उपेक्षा एक सामूहिक भूल बन चुकी है। किंतु सच्चाई यह है कि स्वास्थ्य ही सफलता की पहली सीढ़ी है, और यह किसी डॉक्टर या दवा की देन नहीं — बल्कि हमारे अपने अनुशासन की मुट्ठी में बंधा हुआ है।
युवावस्था में शरीर की ऊर्जा हमें भ्रमित करती है कि सब ठीक है, पर 40 की उम्र के बाद वही शरीर हमसे हिसाब मांगता है। यह हिसाब न उम्र का है, न भाग्य का — यह जीवनशैली का है। यदि आपने वर्षों तक शरीर को समय दिया, तो वही शरीर आपका साथ निभाएगा। लेकिन यदि आपने उसे उपेक्षित किया, तो वह सबसे पहले आपको ही छोड़ देगा।
लेख में कही गई बात — “साल-दर-साल फिटनेस बढ़ाएँ” — वास्तव में जीवन का एक मंत्र है। इसका अर्थ है कि हर वर्ष स्वयं में सुधार लाना, चाहे वह दस मिनट का व्यायाम हो या एक आदत कम करना। फिटनेस कोई मंज़िल नहीं, बल्कि आत्म-अनुशासन की यात्रा है।
स्वस्थ जीवन के तीन मूल सूत्र हैं —
(1) नियमित व्यायाम,
(2) संतुलित आहार, और
(3) मानसिक शांति।
इन तीनों में से किसी एक की उपेक्षा पूरे स्वास्थ्य संतुलन को बिगाड़ देती है। भोजन पर नियंत्रण, दिनचर्या में अनुशासन और मन में सकारात्मकता — यही वह त्रिवेणी है जो उम्र को केवल संख्या बना देती है।
“स्वास्थ्य आपकी मुट्ठी में” का अर्थ केवल शारीरिक फिटनेस नहीं है, बल्कि आत्मनियंत्रण की चेतना भी है। जब व्यक्ति अपने खानपान, समय और विचारों पर संयम रखता है, तभी वह अपने जीवन का स्वामी बनता है। शरीर पर अधिकार आत्मा की साधना का ही प्रारंभ है।
आज आवश्यकता है कि हम स्वास्थ्य को ‘समय की कमी’ का शिकार न बनाएं, बल्कि उसे ‘समय की प्राथमिकता’ बनाएं। व्यस्तता के बीच यदि हम अपने शरीर को कुछ मिनट दे सकें — तो वही मिनट हमारी उम्र में वर्षों का इज़ाफ़ा कर देंगे।
“जो स्वयं को साध लेता है, वही संसार को साध सकता है।”
याद रखें — आपका स्वास्थ्य आपकी मुट्ठी में है। उसे संभालिए, वही आपकी सबसे बड़ी पूँजी है।
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