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बुधवार, 15 अक्टूबर 2025

मेडिवर्ड अस्पताल सील, पवित्र संस्था के अध्यक्ष पर अपवित्र आरोप!

रेड क्रास अध्यक्ष  के अस्पताल के आगे "रेड" लगा

:बस्ती का मेडिवर्ड हॉस्पिटल सीएमओ ने किया सील,


अनियमितताओं का बड़ा खुलासा

बस्ती, 15 अक्टूबर।
जनपद बस्ती के चर्चित मेडिवर्ड हॉस्पिटल को मुख्य चिकित्साधिकारी (सीएमओ) बस्ती ने गंभीर अनियमितताओं के आरोप में सील कर दिया है। बताया जा रहा है कि अस्पताल बिना वैध पंजीकरण के संचालन कर रहा था तथा ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए प्रस्तुत अभिलेख संदिग्ध पाए गए हैं।
सीएमओ कार्यालय से जारी आदेश में कहा गया है कि जब तक हॉस्पिटल का पंजीकरण प्रक्रिया पूर्ण नहीं हो जाती, तब तक ओपीडी या किसी भी प्रकार की चिकित्सकीय सेवा संचालित नहीं की जाएगी।

संदिग्ध अभिलेख और संपर्क न होने की पुष्टि जांच के दौरान सीएमओ ने जिन अभिलेखों का उल्लेख किया, उनके संबंध में जब संबंधित व्यक्तियों से संपर्क किया गया तो कोई उत्तर नहीं मिला। इस पर प्रशासन ने यह मान लिया कि अभिलेख कृत्रिम रूप से तैयार या अपूर्ण हैं।

रेडक्रॉस अध्यक्ष पर भी उठे सवाल,जानकारी के अनुसार, रेडक्रॉस सोसाइटी के जिलाध्यक्ष डॉ. प्रमोद चौधरी इस पूरे प्रकरण के केंद्र में हैं। सूत्रों का कहना है कि उन्होंने भाजपा नेता एवं एमएलसी प्रतिनिधि हरि सिंह को भी एक पुराने मामले में छल का शिकार बनाया था, जिससे संगठन की साख को गहरा आघात पहुंचा।

अब यही विवाद उनके निजी अस्पताल मेडिवर्ड तक पहुंच गया है, जिसे प्रशासन ने कागजों में कोरचना (फर्जीवाड़ा) के आरोपों में सील किया है। बताया जा रहा है कि जिला प्रशासन उनके विरुद्ध एफआईआर दर्ज करने की तैयारी में है।

कर्मचारियों ने तोड़ा संबंध,अस्पताल के पैरामेडिकल स्टाफ में शामिल एक्स-रे तकनीशियन रफीउद्दीन खान ने भी बयान दिया है कि वह अब इस अस्पताल से कोई संबंध नहीं रखना चाहते, क्योंकि “संस्थान में अव्यवस्था और अनैतिक कार्य हो रहे हैं।”

सीएमओ की सख्त चेतावनी

सीएमओ कार्यालय ने स्पष्ट किया है कि जब तक अस्पताल पुनः पंजीकृत नहीं हो जाता, किसी भी प्रकार की चिकित्सकीय गतिविधि गैरकानूनी मानी जाएगी।

जनता के साथ छल, पवित्र संस्था की साख पर दाग,रडक्रॉस जैसी पवित्र संस्था के जिलाध्यक्ष पर लगे ये आरोप पूरे जिले में चर्चा का विषय बने हुए हैं। स्वास्थ्य सेवाओं की आड़ में धोखाधड़ी और कागजी हेराफेरी की इस घटना ने जनपद के प्रशासनिक तंत्र को झकझोर दिया है।जनता अब पूछ रही है—"जो व्यक्ति पवित्र सेवा संस्थान का नेतृत्व कर रहा है, वही यदि अपवित्र कर्म में लिप्त पाए जाएँ, तो भरोसा कहाँ रहेगा?"

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