बस्ती, उत्तरप्रदेश
भाई राजीव दीक्षित भारत के स्वदेशी आंदोलन के प्राण थे-ओम प्रकाश आर्य
भारत स्वाभिमान ट्रस्ट के सूत्रधार आजादी के बाद स्वदेशी आंदोलन के प्रणेता भाई राजीव दीक्षित की पुण्यतिथि पर भारत स्वाभिमान ट्रस्ट यूनिट बस्ती, आर्य समाज और वीर दल के पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं ने आर्य समाज नई बाजार बस्ती में वैदिक यज्ञ कर उन्हें याद किया। इस अवसर पर ओम प्रकाश आर्य जिला प्रभारी भारत स्वाभिमान ट्रस्ट यूनिट बस्ती ने बताया कि भाई राजीव दीक्षित भारत के स्वदेशी आंदोलन के प्राण थे उन्होंने लोगों को स्वदेशी के गौरव को बताते हुए भारत स्वाभिमान ट्रस्ट की स्थापना की जिसके माध्यम से आज पूरी दुनिया में स्वदेशी का शंखनाद हो रहा है।
आज पूरा देश उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा है। कोषाध्यक्ष नवल किशोर चौधरी ने श्रद्धांजलि यज्ञ करते हुए कहा कि राजीव भाई ने अपने जीवन को देश की सेवा और लोककल्याण के लिए समर्पित किया था। उनका जन्म 30 नवंबर 1967 को उत्तर प्रदेश के अलिगढ़ जिले के नाह गांव में हुआ था। उन्होंने अपनी शिक्षा इलाहाबाद विश्वविद्यालय से प्राप्त की और बाद में आईटीआई कानपुर से एम.टेक किया। राजीव दीक्षित ने अपने करियर की शुरुआत एक वैज्ञानिक के रूप में की, लेकिन जल्द ही उन्होंने सामाजिक कार्य में अपना योगदान देने का निर्णय लिया। उन्होंने "आजादी बचाओ आंदोलन" और "भारत स्वाभिमान आंदोलन" जैसे कई महत्वपूर्ण आंदोलनों का नेतृत्व किया, जिनका उद्देश्य देश को विदेशी कंपनियों के चंगुल से मुक्त करना और स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देना था।
इस अवसर पर आर्य वीर दल के बच्चों और भारत स्वाभिमान के पदाधिकारियों ने वैदिक मंत्रों से आहुतियां देकर अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।यज्ञ कराते हुए योगाचार्य गरुण ध्वज पाण्डेय और देवव्रत आर्य ने बताया कि स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देने और विदेशी कंपनियों के खिलाफ लड़ने के लिए एक आंदोलन शुरू किया। आयुर्वेद की महत्वता को समझाने और लोगों को इसके लाभों के बारे में जागरूक करने के लिए काम किया। उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने और देश को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के लिए काम किया।राजीव दीक्षित का निधन 30 नवंबर 2010 को छत्तीसगढ़ के भिलाई में हुआ था। इस अवसर पर मुख्य रूप से नीतीश कुमार, महिमा आर्य, शिव श्याम, धर्मेंद्र कुमार, उपेंद्र आर्य, दृष्टि मोदनवाल, परी, रिमझिम गौतम, राजेश्वरी गौतम, पल्लवी, वैष्णवी सहित अनेक लोग उपस्थित रहे।


कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें