बुधवार, 29 अक्टूबर 2025

“नया नेतृत्व, नई उम्मीदें, नवागत जिलाधिकारी श्रीमती कृतिका ज्योत्स्ना!

 सम्पादकीय

 “नया नेतृत्व, नई उम्मीदें

बस्ती को नई जिलाधिकारी श्रीमती कृत्तिका ज्योत्सना का नेतृत्व मिला है और उनकी कार्यशैली के शुरुआती संकेत उत्साह बढ़ाने वाले हैं। कार्यभार ग्रहण करते ही उन्होंने जन सुनवाई से संवाद की शुरुआत की और स्पष्ट कर दिया कि प्रशासन का दरवाज़ा जनता के लिए हमेशा खुला रहेगा।

उन्होंने यह भी संदेश दिया कि फाइल का निस्तारण ही समाधान नहीं, बल्कि समस्या की जड़ तक पहुँचना और लोगों को राहत दिलाना असली प्रशासन है। अक्सर देखा गया है कि शिकायतें कागज़ों में दम तोड़ देती हैं। नई जिलाधिकारी की यह दृढ़ता कि “बिना समाधान फाइल बंद नहीं होगी” सुशासन की सीधी घोषणा है।

भदेश्वरनाथ मंदिर में आशीर्वाद लेकर जनसेवा की शुरुआत करना परंपरा और विश्वास का सम्मान भी दर्शाता है। जनता यही चाहती है—संवेदनशीलता और सख्ती का संतुलित संयोजन।

अब निगाहें इस बात पर होंगी कि क्या यह संवाद और जिम्मेदारी की पहल जमीनी स्तर तक पहुँचकर बस्ती को बेहतर प्रशासन का मॉडल बनाएगी।
उम्मीदें बड़ी हैं और उम्मीदों पर खरा उतरना ही प्रशासन की सबसे बड़ी परीक्षा है। 







“कागज़ी निस्तारण पर रोक, वास्तविक समाधान की ओर

नवागत जिलाधिकारी ने पहला ही संदेश दिया कि शिकायतें केवल आँकड़ों का खेल नहीं—जनता की पीड़ा हैं। यह सोच प्रशासनिक संस्कृति में बड़ा बदलाव ला सकती है। यदि अधिकारी निर्देशों को ज़मीनी स्तर पर उतार दें, तो बस्ती में बदलाव दूर नहीं।

 “बस्ती को चाहिए जवाबदेह प्रशासन

जनसुनवाई तभी सफल है जब जनता दोबारा शिकायत लेकर न लौटे। जिलाधिकारी का निर्देश कि “जनता से संवाद बना रहे” एक स्वस्थ लोकतांत्रिक दृष्टिकोण है। अब समय है कि हर विभाग जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरे।


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