शनिवार, 27 सितंबर 2025

बहराइच में पांच दिन में तीन बच्चों को भेड़ियों ने मार डाला

 बहराइच में पांच दिन में तीन बच्चों को भेड़ियों ने मार डाला,

पकड़ने में फिसड्डी हुये वन विभाग के अफसर!


मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। 

बहराइच में भेड़ियों का हमला नहीं थम रहा है। पांच दिनों में तीन मासूमों को भेड़िये उठा ले गए। बुधवार को बाबा बंगला गांव में बाबूलाल की पुत्री सोनी (2) दोपहर करीब तीन बजे आंगन में खेल रही थी। मां विनीता दूध लेने घर के अंदर गई थीं। पिता बाबूलाल कुछ दूरी पर रात के लिए लकड़ी का इंतजाम कर रहे थे। इसी दौरान अचानक आया भेड़िया सोनी को जबड़े में दबोच कर भाग निकला। बच्ची की चीख सुनकर बाबूलाल कुल्हाड़ी लेकर दौड़े और मां विनीता भी पीछे भागीं, लेकिन भेड़िया गन्ने के खेत में ओझल हो गया। करीब डेढ़ घंटे खोजबीन के बाद बच्ची घर से लगभग 400 मीटर दूर गन्ने के खेत में क्षत-विक्षत हालत में मिली। उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र फखरपुर ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। ग्रामीणों का आरोप है कि वन विभाग की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। इससे पहले 20 सितंबर को भेड़िया एक और मासूम को उठा ले गया था। 23 सितंबर को बच्चे को लेकर भाग रहे भेड़िये को ग्रामीणों ने किसी तरह से घेरकर बच्चे को बचाया। 24 सितंबर को तीसरी घटना हुई। इस संदर्भ में डीएफओ राम सिंह यादव ने कहा कि गन्ने के खेत और नदी के कछार के कारण भेड़िये को पकड़ने में दिक्कत हो रही है। इलाके को ड्रोन से खंगाला जा रहा है। जाल लगाया गया है। जल्द ही भेड़िये को पकड़ लिया जाएगा।



स्थानीय पीड़ितों ने वन विभाग के अधिकारियों को घेर लिया था। ग्रामीणों का आरोप रहा कि वन विभाग की ओर से समय पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। भेड़िये के लगातार हमलों से ग्रामीण भयभीत हैं। विभाग समय पर सक्रिय नहीं हुआ। ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि यदि विभाग के अधिकारी गांव में प्रवेश करते हैं और भेड़िये के हमले से बचाव के लिए उचित सुरक्षा इंतजाम नहीं करते, तो गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। स्थानीय लोगों के समझाने-बुझाने और प्रयासों के बाद ही डीएफओ की गाड़ी को गुस्साए ग्रामीणों ने आगे जाने दिया।डीएफओ राम सिंह यादव ने कहा कि भेड़िया काफी चालाक प्रजाति का जानवर होता है और प्रभावित क्षेत्रों में इनकी संख्या दो या उससे अधिक हो सकती है। इसलिए इन्हें पकड़ने में समय लग रहा है। उन्होंने बताया कि संभावित स्थानों पर जाल बिछाकर भेड़िये को पकड़ने की तैयारी की जा रही है।


ग्राम पंचायत मंझारा तीकली और आसपास के दर्जन भर गांवों में पिछले 15 दिनों से भेड़िया लगातार हमला कर रहा है। इस दौरान तीन बच्चों की मौत हो चुकी है, जबकि एक बच्ची का अभी पता नहीं चल सका है। इस माह कुल 17 लोग भेड़िये के हमले में घायल हो चुके हैं। ग्रामीणों के अनुसार, लगातार हो रहे हमलों से उनका जीवन भय और असुरक्षा में गुजर रहा है। वन विभाग भेड़िये को पकड़ने में अब तक नाकाम रहा है। इस काम के लिए 32 टीमों के साथ बाराबंकी, गोंडा और श्रावस्ती के डीएफओ को भी लगाया गया है।बताते हैं कि पश्चिम बंगाल और हिमाचल प्रदेश के ड्रोन ऑपरेटर व विशेषज्ञ भी बुलाए गए, लेकिन इन सब व्यवस्थाओं के बावजूद भेड़िया लगातार वन विभाग को चकमा दे रहा है।

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