बस्ती, उत्तरप्रदेश
संतकबीरनगर जिले में ब्रिटिश नागरिकता प्राप्त मौलाना शमसुल हुदा खान के खिलाफ धोखाधड़ी और विदेशी मुद्रा के दुरुपयोग सहित कई गंभीर आरोपों में मुकदमा दर्ज किया गया है। यह कार्रवाई उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद के निर्देश और विस्तार से की गई जांच के उपरांत हुई है। पूरे घटनाक्रम में न सिर्फ व्यक्तिगत धोखाधड़ी बल्कि मदरसों में विदेशी फंडिंग की भूमिका, सरकारी वेतन की अनियमितता, और भूमि क्रय-जैसी जटिलताएं उभरकर सामने आई हैं।मामला और आरोपमौलाना शमसुल हुदा खान, पहले भारतीय नागरिक थे और संतकबीरनगर के देवरिया लाल गांव के निवासी रहे हैं, बाद में ब्रिटेन की नागरिकता ले ली।ब्रिटिश नागरिकता मिलने के बाद भी, उन्होंने उत्तर प्रदेश मदरसा परिषद से वेतन प्राप्त किया और स्थानीय भूमि खरीदकर मदरसा संचालन जारी रखा।उन पर आरोप है कि उन्होंने भारतीय नागरिक रहते हुए और फिर विदेशी नागरिक बनने के बाद भी यूपी में मदरसा दारुल उलूम अहले सुन्नत, अशरफिया मिस्बाहुल उलूम मुबारकपुर, आजमगढ़ में अध्यापक रहते हुए लाभ प्राप्त किया।विदेशी निधि और फंडिंग के आरोपमौलाना की विदेश यात्राएं लगातार जारी रहीं। उन्होंने इंग्लैंड की नागरिकता के पश्चात कई विदेशी संस्थाओं से फंडिंग प्राप्त कर मदरसों तथा एनजीओ — कुलियातुल बनातीर रजबिया एजुकेशनल एंड वेलफेयर सोसायटी और रजा फाउंडेशन — के माध्यम से बड़ी धनराशि इकट्ठी की।
मौलाना पर विदेशी फंडिंग में व्यक्तिगत कमीशन के भी आरोप हैं।खलीलाबाद के मोतीनगर क्षेत्र में संचालित मदरसा कुलियातुल बनातीर रजबिया को लगभग डेढ़ वर्ष पूर्व डीएम के आदेश पर सील किया गया था, जो अभी सील ही है।प्रशासनिक कार्रवाई और जांचमामले में मौलाना के ही एक रिश्तेदार ने विस्तार से शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें उपर्युक्त सभी वित्तीय व प्रशासनिक अनियमितताओं का आरोप लगाया गया था।बनारस ATS की तीन जांच टीमों द्वारा पूरे प्रकरण की गहन जांच की गई।ATS की रिपोर्ट के आधार पर जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी प्रवीण मिश्रा ने खलीलाबाद कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया।अब जिला पुलिस और संबंधित प्रशासनिक अधिकारी पूरे मामले की जाँच में जुटे हैं।
अन्य मदरसा संबंधी विवादजिले के कप्तानगंज क्षेत्र में मदरसा दारुल उलूम अहले सुन्नता फैजनेवी के प्रबंधक पर एक ही स्कूल में अपने पाँच दामादों की नियुक्ति तथा भवन निर्माण में अवैध कब्जे के आरोप की भी प्रशासनिक स्तर पर गोपनीय जांच जारी है।भाजपा प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य, जिला सहकारी बैंक अध्यक्ष राजेन्द्रनाथ तिवारी की वर्षों पुरानी मांग के बाद अब सख्त कार्रवाई की शुरुआत मानी जा रही है।निष्कर्षयह केस मदरसा शिक्षा परिषद द्वारा नियंत्रण और पारदर्शिता के दावों को परखने के साथ-साथ, जिले में विदेशी फंडिंग, प्रशासनिक अनियमितता, और भ्रष्टाचार की गहराई को उजागर करता है। दोनों मामलों में प्रशासनिक सतर्कता और कानूनी कार्रवाई के क्रम में आने वाले समय में और अनेक खुलासे संभव हैं।
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