बस्ती जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति (दिशा) बैठक: संतुलित समीक्षा
बस्ती, उत्तरप्रदेश
9 अक्टूबर 2025 को बस्ती में आयोजित जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति (दिशा) की बैठक, सांसद रामप्रसाद चौधरी की अध्यक्षता में संपन्न हुई। यह बैठक जिला विकास की योजनाओं की प्रगति, समस्याओं और समाधानों पर केंद्रित रही। बैठक में जिलाधिकारी रवीश गुप्ता, मुख्य विकास अधिकारी सार्थक अग्रवाल, जिला पंचायत अध्यक्ष, विधायक, और अन्य जनप्रतिनिधियों सहित विभिन्न जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।
प्रमुख बिंदु और सकारात्मक पहलू:
किसानों के हित में जोर: सांसद रामप्रसाद चौधरी ने किसानों के लिए योजनाओं का शत-प्रतिशत लाभ सुनिश्चित करने और उर्वरक की पर्याप्त उपलब्धता पर बल दिया। यह कदम ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण है।
योजनाओं की गहन समीक्षा: महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना, जलजीवन मिशन, स्वच्छ भारत मिशन, आयुष्मान कार्ड, प्रधानमंत्री आवास योजना, और फसल बीमा योजना जैसी केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं की गहन समीक्षा की गई। यह सुनिश्चित करता है कि योजनाओं का लाभ पात्र व्यक्तियों तक पहुंचे।
जनप्रतिनिधियों की सक्रिय भागीदारी: विधायक महेंद्रनाथ यादव, कविंद्र चौधरी, और अन्य जनप्रतिनिधियों ने बिजली आपूर्ति, ट्रांसफार्मर की क्षमता, स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार, और सड़क सुरक्षा जैसे मुद्दों को उठाया। यह जमीनी स्तर की समस्याओं को समाधान की ओर ले जाने में सहायक है।
सड़क सुरक्षा पर ध्यान: सांसद ने सड़क सुरक्षा नियमों के प्रति जागरूकता बढ़ाने, ब्लैक स्पॉट चिन्हित करने, और गुड समेरिटन योजना को प्रोत्साहित करने का निर्देश दिया। यह सड़क दुर्घटनाओं को कम करने में महत्वपूर्ण हो सकता है।
जिलाधिकारी की प्रतिबद्धता: जिलाधिकारी ने जनप्रतिनिधियों के सुझावों का कड़ाई से अनुपालन और अगली बैठक में बेहतर परिणाम सुनिश्चित करने का आश्वासन दिया, जो प्रशासनिक जवाबदेही को दर्शाता है।
चुनौतियां और कमियां:
जलजीवन मिशन की कमियां: बैठक में बताया गया कि जलजीवन मिशन के तहत खोदे गए गड्ढों की भराई और समतलीकरण नहीं हुआ। यह कार्यान्वयन में कमी को दर्शाता है, जिसे तत्काल सुधार की आवश्यकता है।
स्वास्थ्य विभाग में भ्रष्टाचार: एमएलसी प्रतिनिधि हरीश सिंह ने स्वास्थ्य विभाग में पूर्व में हुए भ्रष्टाचार पर कठोर कार्रवाई की मांग की। यह जिला प्रशासन के लिए एक गंभीर मुद्दा है, जिसे पारदर्शिता के साथ निपटाने की जरूरत है।
बिजली आपूर्ति और बुनियादी ढांचे की समस्या: रोस्टर के अनुसार बिजली आपूर्ति, जर्जर तार, और ट्रांसफार्मर की अपर्याप्त क्षमता जैसे मुद्दों को उठाया गया। इन समस्याओं का त्वरित समाधान नहीं होने से जनता में असंतोष बढ़ सकता है।
राष्ट्रीय राजमार्गों पर अवैध कट: अवैध कटों को बंद करने की मांग उठी, जो सड़क सुरक्षा के लिए जरूरी है, लेकिन इस पर अमल में देरी दुर्घटनाओं को बढ़ा सकती है।
सुझाव:
योजनाओं के कार्यान्वयन में तेजी: जलजीवन मिशन और अन्य योजनाओं में कार्य की प्रगति को नियमित निगरानी और समयबद्ध पूर्णता की आवश्यकता है।
स्वास्थ्य विभाग में सुधार: भ्रष्टाचार के मामलों में पारदर्शी जांच और दोषियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई से विश्वास बहाली होगी।
जनप्रतिनिधियों के साथ समन्वय: विकास कार्ययोजनाओं में जनप्रतिनिधियों के सुझावों को शामिल करने से योजनाएं अधिक प्रभावी होंगी।
सड़क सुरक्षा पर जागरूकता: ब्लैक स्पॉट और अवैध कटों पर तत्काल कार्रवाई के साथ-साथ जन जागरूकता अभियान चलाए जाएं।
बस्ती की दिशा बैठक विकास योजनाओं की समीक्षा और समस्याओं के समाधान के लिए एक सकारात्मक मंच रही। सांसद और जनप्रतिनिधियों ने जमीनी मुद्दों को प्रभावी ढंग से उठाया, जबकि प्रशासन ने समाधान के प्रति प्रतिबद्धता दिखाई। हालांकि, जलजीवन मिशन, बिजली आपूर्ति, और स्वास्थ्य विभाग जैसे क्षेत्रों में कार्यान्वयन की गति बढ़ाने की जरूरत है। यदि सुझावों और निर्देशों का कड़ाई से पालन किया जाए, तो बस्ती जिले का चौमुखी विकास संभव है।

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